Zulfikar ali

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कुछ ख़्वाब.. मुक्तक

कुछ ख्वाब हमारी आंखों में, हर शाम उतरते रहते हैं।
कुछ आशाओं के नये दीए, पलकों पर जलते रहते हैं।।

जो काम कल पे टाल के हम,रात को चैन से सोएं थें।
वो काम हमारी चौखट पे,हर सुबह को दस्तक देते हैं।🙄

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6 Comments

Aliya khan

07-Jun-2021 09:44 AM

Bahut khoob

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Zulfikar ali

07-Jun-2021 10:01 AM

शुक्रिया 💐

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Ravi Goyal

07-Jun-2021 09:08 AM

बहुत खूब 👌👌

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Zulfikar ali

07-Jun-2021 09:08 AM

🙏🙏🙏

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Kumawat Meenakshi Meera

07-Jun-2021 09:07 AM

बेहतरीन रचना

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Zulfikar ali

07-Jun-2021 09:08 AM

धन्यवाद 🙏

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